Skip to main content

Posts

Showing posts from 2025

स्वाध्यायप्रवचन ६ : मानुषं च स्वाध्यायप्रवचने च।

स्वाध्यायप्रवचन ६ : मानुषं च स्वाध्यायप्रवचने च। एक बार एक महात्मा नदी में स्नान कर रहे थे , तभी उन्होंने देखा कि एक बिच्छू पानी में डूब रहा है। उसकी जान बचाने के लिए महात्मा ने उसे उठाकर किनारे रखने की कोशिश की। लेकिन बिच्छू ने उन्हें डंक मार दिया , जिससे उन्हें उसे छोड़ना पड़ा। इसके बावजूद , महात्मा ने बिच्छू को बार-बार बचाने का प्रयास किया , और हर बार बिच्छू उन्हें डंक मारता रहा। यह देखकर पास से गुजर रहे एक व्यक्ति से रहा नहीं गया। उसने महात्मा से पूछा , " आप यह क्या कर रहे हैं ? क्यों उसे बचाने की कोशिश कर रहे हैं ? वह तो आपको बार-बार डंक मार रहा है!" महात्मा ने मुस्कुराते हुए उत्तर दिया , " बिच्छू का स्वभाव डंक मारना है , इसलिए वह डंक मार रहा है। लेकिन मनुष्य का स्वभाव प्रेम करना और जीवों की रक्षा करना है। मैं अपने स्वभाव को कैसे भूल सकता हूँ ? इसलिए मैं उसे बार-बार बचाने का प्रयास कर रहा हूँ।" ऐसी कहानियाँ पढ़कर अक्सर हंसी आती है , और कभी-कभी यह भी लगता है कि यह कैसी मूर्खता है। लेकिन अगर इस कहानी में बिच्छू को थोड़ी देर के लिए अलग रखें और सोचें कि महा...

स्वाध्यायप्रवचन 5 :अतिथयश्च स्वाध्यायप्रवचने च

' अतिथयश्च स्वाध्यायप्रवचने च ' मैं मई २०१२ में , युवतियों के एक गुट के साथ अरुणाचल प्रदेश के अलो गा ँ व गया था। वहाँ हम रामकृष्ण मिशन के आश्रम में देर रात पहुँचे। अधिकांश लड़कियाँ यात्रा से थकी हुई थीं। देर हो जाने के कारण , मठ के ब्रह्मचारी महाराज ने सुझाव दिया कि हम सीधे भोजनगृह में जाएँ , भोजन करके विश्राम करें और सुबह सबसे परिचय करेंगे। भोजनगृह में एक स्वामीजी हमें भोजन परोस रहे थे। लड़कियाँ उन्हें बुलाकर अपनी जरूरत के व्यंजन मांग रही थीं । स्वामीजी अत्यंत शांति और विनम्रता से उनकी खातिरदारी कर रहे थे, उनकी इच्छानुसार व्यंजन परोस रहे थे। भोजन के बाद , पूरा गूट तुरंत विश्राम के लिए चला गया। अगले दिन , उपासना और मंदिर दर्शन के बाद हम आश्रम के मुख्य स्वामीजी से मिलने उनके कार्यालय गए। रात को भोजन परोसने वाले स्वामीजी ही आश्रम के मुख्य स्वामीजी थे। उन्हें प्रमुख कार्यालय में देखकर लड़कियाँ स्तब्ध रह गईं। उसी दिन शाम को हम एक नदी पर बने झूलते पुल और एक जनजाती बस्ती को देखने गए। बस्ती में हमारा बहुत अच्छा स्वागत हुआ। लड़कियों को चार-चार के समूह में विभाजित कर अलग-अलग घरों म...